दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं आतिशी; उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CM पद की शपथ दिलाई, साथ में 5 कैबिनेट मंत्रियों की शपथ

Delhi Chief Minister Atishi Takes Oath With Five Ministers News Update

Delhi Chief Minister Atishi Takes Oath With Five Ministers News

Atishi CM Oath Ceremony: आम आदमी पार्टी विधायक दल की नेता आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी को दिल्ली राज निवास में बतौर सीएम पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं आतिशी के साथ 5 कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई. सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।

इस मौके पर पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। शपथ समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र भी राज निवास पहुंचे थे।

दिल्ली में मुकेश अहलावत कैबिनेट मंत्री के तौर पर एक नया चेहरा हैं। जिन्हें आतिशी कैबिनेट में स्थान दिया गया है। मुकेश अहलावत उत्तर पश्चिम दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के विधायक हैं और दलित समाज से आते हैं। वहीं सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और इमरान हुसैन, केजरीवाल के सीएम रहते कैबिनेट मंत्री थे। उन्हें फिर से रिपीट किया गया है।

एक मंत्री की जगह फिलहाल खाली रहेगी

फिलहाल, बतौर CM आतिशी के साथ 5 मंत्री होंगे। ऐसे में आतिशी की कैबिनेट में 1 मंत्री की जगह अभी खाली है. एक मंत्री की जगह फिलहाल खाली रखी जाएगी। ज्ञात रहे कि, दिल्ली में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल सात मंत्री बनाए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि, आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव-2025 की जीत के बाद कैबिनेट पूरी करने का विचार करके बैठी है।

दिल्ली की तीसरी महिला CM बनीं आतिशी

आतिशी मार्लेना ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और अब वह दिल्ली की तीसरी महिला CM बन गईं हैं। आतिशी से पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने 1998 में थोड़े समय के लिए दिल्ली की 5वीं मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थी। इसके बाद कांग्रेस नेता शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक करीब 15 साल दिल्ली में कांग्रेस की सरकार रहते मुख्यमंत्री थीं।

कैबिनेट मंत्री रहते कई मंत्रालय एकसाथ संभाले

दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी मार्लेना वर्तमान में दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल रहीं थीं। आतिशी के पास शिक्षा, वित्त, जल, पीडबल्यूडी, टूरिज़म, बिजली, सतर्कता, जनसंपर्क जैसे कई मंत्रालयों का जिम्मा था। सिसोदिया के जेल जाने के बाद उनके मंत्रालय आतिशी को ही दिये गए थे। आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय संभाल रही थीं। आतिशी को अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है। वह केजरीवाल की काफी भरोसेमंद हैं।

केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनके पीछे से दिल्ली सरकार के अंदर आतिशी मुख्य चेहरा रहीं। जिन्होंने संकट की स्थिति में पार्टी के साथ सरकार को भी संभाला। दिल्ली सीएम को लेकर आतिशी के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा थी। क्योंकि केजरीवाल सबसे ज्यादा भरोसा आतिशी पर ही जता रहे थे। इससे पहले केजरीवाल ने 15 अगस्त को तिरंगा फहराने के लिए अपनी जगह आतिशी का नाम एलजी को भेजा था। दिल्ली सीएम पद के लिए आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय का नाम भी रेस में था। वहीं पीछे से केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की भी चर्चा चल रही थी।

2020 में तीसरी बार सीएम बने थे अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी ने साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुमत से तीसरी बार सरकार बनाई थी। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के सीएम बने थे। इससे पहले दूसरी बार 2015 में केजरीवाल सीएम बने। वहीं 2013 में पहली बार सीएम बनने पर केजरीवाल ने 49 दिनों बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अब अरविंद केजरीवाल 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतकर चौथी बार सीएम बनने की तैयारी में हैं।

जनता से ईमानदारी का सर्टिफिकेट चाहते हैं केजरीवाल

ज्ञात रहे कि, केजरीवाल ने बीते रविवार को दिल्ली आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। केजरीवाल ने कहा था कि, अब वह तभी सीएम की ज़िम्मेदारी संभालेंगे, जब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता उनके पक्ष में वोट देकर उनकी ईमानदारी पर भरोसा जताएगी और उन्हें ईमानदार साबित करेगी।

केजरीवाल का कहना था कि, अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो जनता जमकर मेरे पक्ष में वोट करे। जिसके बाद ही मैं सीएम की कुर्सी पर जाकर बैठूंगा। अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल बेईमान है तो मैं एक मिनट भी सीएम की कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं हूं। अब फैसला जनता के हाथ में है।

मैं पैसे और सत्ता का खेल खेलने नहीं आया था - केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, बीजेपी वालों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल चोर है और भ्रष्टाचारी है। केजरीवाल ने भारत माता के साथ धोखा किया है। लेकिन मैं उन्हें और दिल्ली की जनता को बता दूं कि मैं ये सब करने के लिए नहीं आया था। मैंने पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे का खेल नहीं खेला। मैंने अपने जीवन में कुछ नहीं कमाया। मेरा बैंक अकाउंट खाली है। मेरी पार्टी का भी बैंक अकाउंट खाली है। मेरे पास अपनी इज्जत और ईमानदारी के सिवाय और कुछ नहीं है

मैं झुग्गियों में जाकर रहा हूं- केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा कि, मैं इनकम टैक्स में कमिश्नर था। साल 2000 में नौकरी छोड़कर 2010 तक 10 साल मैंने दिल्ली की झुग्गियों में समय बिताया है। दिल्ली की अलग-अलग झुग्गियों में जाकर रहा हूं। झुग्गियों की खाक छानी है और यह जाना है कि एक गरीब आदमी कैसे गुजारा करता है। कैसे अपना परिवार चलाता है। केजरीवाल ने कहा कि, अगर पैसे कमाने होते तो इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी कोई बुरी नहीं थी और जिस समय मैंने नौकरी छोड़ी उस समय मेरी कोई पार्टी नहीं थी और न ही मेरा राजनीतिक भविष्य था। लेकिन देश के लिए कुछ करने का जुनून जरूर था।

49 दिन सरकार चलाने के बाद सीएम पद छोड़ा- केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि, जब मैं पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बना था तो सिर्फ 49 दिन सरकार चलाने के बाद मैंने अपने उसूलों के चलते पद से इस्तीफा दे दिया था। किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा नहीं था। मैंने अपने आप से इस्तीफा दिया था। आज की तारीख, आज के जमाने कोई अपनी चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ता, मैंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी। मैं यह कहना चाहता हूं कि न मुझे पद का लालच है और न ही दौलत का। मैं केवल देश के लिए कुछ करने आया हूं और वही कर रहा हूं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव नवंबर में हो- केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग से एक बड़ी मांग भी की। केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अगले साल 2025 में फरवरी में होना है। लेकिन मैं मांग करता हूं कि इसी साल नवंबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराया जाये।